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भारी-भरकम बस्ता लेकर,मोनू चला स्कूल।लेकिन कॉपी और पैन्सिलघर पर आया भूल।
मैडम ने प्यार किया उसको,फिर समझाया यूं-'बिन हथियार युद्ध में जानाहोता है फिजूल।'
बात समझ में आई उसके,गलती की कबूल।दिया आश्वासन, होगी कभीफिर न ऐसी भूल।
--डॉ रामनिवास मानव
Bharat-Darshan, Hindi literary magazine from New Zealand
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