टीवी पर मतदान संबंधी विज्ञापन देखते ही चिंटू के बाल-मन में प्रश्न उठने लगे। दादाजी को कमरे में आते देख उसने झट से प्रश्न किया,"दादाजी, सबसे पहला वोटर (मतदाता) कौन था?"
"बेटा, स्वतंत्र भारत के सबसे पहले मतदाता का नाम 'श्याम सरन नेगी' है। वे इस समय 100 वर्ष से अधिक की आयु के हैं। वे मूलतः हिमाचल से हैं।"
"100 वर्ष से अधिक आयु के?" चिंटू आश्चर्यचकित हो गया। "हाँ, देश के इस सबसे पहले मतदाता के राज्य हिमाचल में बहुत से लोग 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं। वहां कुल 1,011 लोग 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, जिनमें से एक श्याम सरन नेगी भी हैं।" समझे, दादाजी ने चिंटू के कंधे पर अपना हाथ टिकाते हुए कहा।
"लो, चाय भी आ गई।" उन्होंने चाय की चुस्की लेते हुए अपनी बात जारी रखी, "श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई 1917 को हिमाचल के कल्पा (Kalpa) में हुआ था। वे एक शिक्षक थे व इस समय सेवानिवृत्त हैं। नेगीजी ने 1951 के बाद से हर आम चुनाव में मतदान किया है।"
"अच्छा चिंटू, बताओ नेगीजी की उम्र इस वर्ष जुलाई में कितनी हो जाएगी?" दादाजी ने चिंटू से सवाल किया।
"वे 1 जुलाई 1917 को पैदा हुए और अब है 2019 तो इस हिसाब से वे जुलाई में 102 के हुए न, दादा जी!" चिंटू ने उँगलियों पर कुछ गिनते हुए आश्वस्त होते हुए उत्तर दिया।
"बिलकुल सही। नेगीजी इस वर्ष 2019 की पहली जुलाई को 102 वर्ष के हो जाएंगे।" दादाजी ने प्रसन्न होते हुए उसकी पीठ थपथपाई। "इस मई को वे लोकसभा चुनाव में 17वीं बार मतदान करेंगे।"
बाहर चिंटू का दोस्त उसे बुलाने आ चुका था।
"थैंक्यू दादाजी।" कहकर चिंटू अपने मित्र के साथ बाहर खेलने चल दिया।
सर्वेश्वरजी टीवी पर समाचार देखने में व्यस्त हो गए।
- रोहित कुमार 'हैप्पी'
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इस चुनावी कहानी से हमने क्या सीखा?
- स्वतंत्र भारत के सबसे पहले मतदाता का नाम 'श्याम सरन नेगी' है।
- श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई 1917 को हिमाचल के कल्पा (Kalpa) में हुआ था।
- नेगीजी एक शिक्षक थे व इस समय सेवानिवृत्त हैं।
- वे इस समय 100 वर्ष से अधिक की आयु के हैं। वे मूलतः हिमाचल से हैं।
- हिमाचल में कुल 1011 लोग 100 वर्ष से अधिक आयु के हैं, जिनमें से एक श्याम सरन नेगी भी हैं।
- नेगीजी ने 1951 के बाद से हर आम चुनाव में मतदान किया है।
- इस मई को वे लोकसभा चुनाव में 17वीं बार मतदान करेंगे। |