"ए, जरा हमारा घोड़ा तो पकड़े रहो।" "यह कूदेगा तो नहीं?" "कूदेगा! भला कूदेगा क्यों? लो संभालो। " "यह काटता है?" "नहीं काटेगा, लगाम पकड़े रहो।" "क्या इसे दो आदमी पकड़ते हैं तब सम्हलता है?" "नहीं !" "फिर हमें क्यों तकलीफ देते हैं? आप तो हई हैं।"
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
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