फांसी का झूला झूल गया मर्दाना भगत सिंह । दुनियां को सबक दे गया मस्ताना भगत सिंह ।। फांसी का झूला......
राजगुरु से शिक्षा लो दुनिया के नवयुवको । सुखदेव को पूछो कहां मस्ताना भगत सिंह ।। फांसी का झूला......
रोशन कहां, अशफाक और लहरी, कहां बिसमिल । आजाद से था सच्चा दोस्ताना भगत सिंह ।। फांसी का झूला......
स्वागत को वहां देवगण में इन्द्र के होंगे । परियां भी गाती होंगी यह तराना भगत सिंह ।। फांसी का झूला......
दुनियां को हरएक चीज को हम भूल क्यूं न जायें । भूले न मगर दिल से मुस्कराना भगत सिंह ।। फांसी का झूला......
भारत के पत्ते पत्ते में सोने से लिखेगा । राजगुरु, सुखदेव और मस्ताना भगत सिंह ।। फांसी ।
ऐ हिन्दियों सुनलो जरा हिम्मत करो दिल में। बनना पड़ेगा सबको अब दीवाना भगत सिंह ।। फांसी का झूला......
- अज्ञात
[ शहीदों की यादगारी से ]
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