जै जै प्यारे देश हमारे तीन लोक में सबसे न्यारे । हिमगिरी-मुकुट मनोहर धारे जै जै सुभग सुवेश ।। जै जै... ।।१।।
हम बुलबुल तू गुल है प्यारा तू सुम्बुल, तू देश हमारा । हमने तन-मन तुझ पर वारा तेज पुंज-विशेष ।। जै जै ... ।।२।।
तुझ पर हम निसार हो जावें तेरी रज हम शीश चढ़ावें । जगत पिता से यही मनावें होवे तू देशेश ।। जै जै... ।।३।।
जै जै हे देशों के स्वामी नामवरों में भी हे नामी । हे प्रणम्य तुझको प्रणमामी जीते रहो हमेश ।। जै जै... ।।४।।
आँख अगर कोई दिखलावे उसका दर्प-दलन हो जावे । फल अपने कर्मों का पावे बने नामनि शेष ।। जै जै... ।।५।।
बल दो हमें ऐक्य सिखलाओ सँभलो देश होश में आवो । मातृभूमि-सौभाग्य बढ़ाओ मेटो सकल कलेश ।। जै जै... ।।६।।
हिन्दू मुसल्मान ईसाई यश गावें सब भाई-भाई । सब के सब तेरे शैदाई फूलो-फलो स्वदेश ।। जै जै... ।।७।।
इष्टदेव आधार हमारे तुम्हीं गले के हार हमारे । भुक्ति-मुक्ति के द्वार हमारे जै जै जै जै देश ।। जै जै... ।।८।।
- महावीर प्रसाद द्विवेदी [अक्टूबर 1920]
[द्विवेदी काव्यमाला]
|