पिछले साल
करोड़ों का हुआ घोटाला
घोटाले में फंस गया
मंत्री जी का साला
विपक्ष ने भी
इस मामले को खूब उछाला
तब मंत्रीजी ने
सरल-सुगम रास्ता निकाला
विपक्षी दल के नेता के पुत्र से
करवा दी साली की सगाई
इसलिए सच्चाई आज तक
सामने नहीं आई
कोई क्या के लेगा
इनका जब
हैं, चोर-चोर सभी मौसेरे भाई।
- गौरीशंकर मधुकर
सुकीर्ति प्रकाशन
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हास्य काव्य
भारतीय काव्य में रसों की संख्या नौ ही मानी गई है जिनमें से हास्य रस (Hasya Ras) प्रमुख रस है जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं - श्रृंगार रस (रति भाव), हास्य रस (हास), करुण रस (शोक), रौद्र रस (क्रोध), वीर रस (उत्साह), भयानक रस (भय), वीभत्स रस (घृणा, जुगुप्सा), अद्भुत रस (आश्चर्य), शांत रस (निर्वेद)।
इस श्रेणी के अंतर्गत
घोटाला
यमराज से मुलाक़ात
एक बार रास्ते में मुझे मिल गए यमराज ,
और बोले ,"बेटा ! तुम्हारे पाप के घड़ों का ड्रम भर गया है आज।"
मैं बोला , "प्रभु ! मैं तो जलेबी की तरह सीधा हूँ ,
क्यों मेरी शराफत पर ऊँगली उठा रहे हैं।
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