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विविध, Hindi Miscellaneous

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आकाशवाणी की गूंज | आलेख

- डॉ. शैलेश शुक्ला

8 जून को ऑल इंडिया रेडियो के नामकरण की 90वीं वर्षगाँठ पर डॉ. शैलेश शुक्ला का विशेष आलेख
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पुस्तक समीक्षा : भारत मुझमें बसता है

- भारत-दर्शन

 
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माओरी कहावतें (36-40)

- भारत-दर्शन संकलन | Collections

माओरी कहावतें

माओरी कहावतें | Māori Proverbs

36)
E kore te matou e rawe ki te moana takai ai, engari anō a uta.
It is not proper to prepare the hook at sea, rather it should be done on shore.
किसी भी काम की तैयारी पहले से की जानी चाहिए, अंतिम क्षण तक प्रतीक्षा न करें यानी आग लगने पर कुआँ नहीं खोदा जाता।
 
37)
Kaua e hoki i te waewae tūtuki, ā pā anō hei te ūpoko pakaru.
Do not turn back because of minor obstacles but press ahead to the desired goal.
छोटी-छोटी बाधाओं के कारण पीछे न हटें बल्कि संकल्पित लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते जाएँ।
 
 
38)
He Toi whakairo, he mana tangata.
Where there is artistic excellence, there is human dignity.
जहाँ कलात्मक उत्कृष्टता होती है, वहाँ मानवीय गरिमा होती है।
 
39)
E kore te uku e piri ki te rino, ka whitikia e te rā, ka ngahoro.
Clay does not stick to iron, when the sun shines, it dries and falls away.
मिट्टी लोहे से चिपकी नहीं रहती, धूप में सूखते ही वह अलग हो जाती है अर्थात बेमेल चीजें अधिक देर तक नहीं टिकती।
 
40)  
Mai i te kōpae ki te urupa, tatou ako tonu ai.
From the cradle to the grave, we are forever learning.
जन्म से जीवन के अंतिम पल तक हम सीखते हैं अर्थात जीवन एक पाठशाला है।
 
[भावानुवाद रोहित कुमार हैप्पी ]

 
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भारत का सबसे बड़ा परिवार – एक घर, 167 सदस्य

- भारत-दर्शन समाचार

Ziona Chana
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अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस

- डॉ० राधेश्याम द्विवेदी | आलेख

1991 में यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र से शुरुआत 
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देशभक्त | व्यंग्य

- नरेन्द्र कोहली

रामलुभाया बहुत जल्दी में था। मैं उसे पुकारता रहा और वह मुझ से भागता रहा। अंततः मैंने दौड़ कर उस को पकड़ ही लिया।
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सरकार का जादू : जादू की सरकार | व्यंग्य

- शरद जोशी | Sharad Joshi

जादूगर मंच पर आकर खड़ा हो गया। वह एयर इंडिया के राजा की तरह झुका और बोला, ''देवियो और सज्जनो, हम जो प्रोग्राम आपके सामने पेश करने जा रहे हैं, वह इस मुलुक का, इस देश का प्रोग्राम है जो बरसों से चल रहा है और मशहूर है। आप इसे देखिए और हमें अपना आशीर्वाद दीजिए।" इतना कहकर जादूगर ने झटके से सिर उठाया और जोरदार पाश्र्व संगीत बजने लगा। 
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महान संत गुरूदेव टैगोर और महान आत्‍मा महात्‍मा गांधी | विशेष लेख

- निखिल भट्टाचार्य

19वीं शताब्‍दी के अंत और 20वीं शताब्‍दी के शुरू में दो महान भारतीयों रवींद्रनाथ टैगोर और मोहनदास कर्मचंद गांधी के बीच एक संबंध और गहरा तादात्‍म्‍य स्‍थापित हो गया। वे दोनों भारतीयता, मानवता और प्रबंधन से मुक्ति के समर्थक थे। उनके बारे में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1941 में अपनी जेल डायरी में लिखा- ''गांधी और टैगोर, जो पूरी तरह एक-दूसरे से अलग प्रकार के थे और दोनों भारत के विशिष्‍ट व्‍यक्ति थे, की गणना भारत के महान पुरूषों में होती है।.... मैंने बहुत लंबे समय से यह महसूस किया है कि वे आज विश्‍व के असाधारण व्‍यक्ति है। निसंदेह, ऐसे अनेक व्‍यक्ति हैं, जो उनसे अधिक योग्‍य और अपने-अपने क्षेत्रों में उनसे महान प्रतिभाशाली व्‍यक्ति हैं। वे किसी एक गुण के कारण नहीं, बल्कि उनके सामूहिक प्रभाव के कारण मैंने महसूस किया कि गांधी और टैगोर आज विश्‍व के महान व्‍यक्तियों में मानव के रूप में सर्वोत्‍तम व्‍यक्ति थे। यह मेरा सौभाग्‍य था कि मैं उनके निकट संपर्क में आया।
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टैगोर - कवि, गीतकार, दार्शनि‍क, कलाकार और शि‍क्षा वि‍शारद

- तड़ि‍त मुखर्जी

'प्रसन्‍न रहना तो बहुत सहज है, परन्‍तु सहज रहना बहुत कठि‍न' ‑ रवीन्‍द्रनाथ टैगोर
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