धरती सुबह-सुबह छप्पर से,
लगी जोर से लड़ने।
उसकी ऊंचाई से चिढ़कर,
उस पर लगी अकड़ने।
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बाल-साहित्य
इस श्रेणी के अंतर्गत
घर का मतलब
अम्मू भाई का छक्का
"दादाजी मैं छक्का मारूँगा," अम्मू भाई ने क्रिकेट बैट लहराते हुये मुझसे कहा। वह एक हाथ में बाल लिये था, बोला, "प्लीज़ बाँलिंग करो न दादाजी।"
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कौन सा अच्छा
एक दिन बादशाह अकबर अपने दरबार में बैठे अपने दरबारियों से दिल बहलाव की बातें कर रहे थे। इसी बीच बीरबल भी आ पहुँचा।
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टिटिहरी और समुद्र
समुद्र के तट पर एक स्थान पर एक टिटिहरी का जोड़ा रहता था। टिटिहरी कुछ दिनों में अंडे देने वाली थी। उसने अपने पति से कहा, "अब समय निकट आ रहा है, इसलिए आप किसी सुरक्षित स्थान की खोज कीजिए जहां मैं शान्तिपूर्वक अपने बच्चों को जन्म दे सकूं।"
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एक गज़ दूध
एक दिन शेख़चिल्ली ने अपनी अम्मी से कहा, ‘अम्मी! तुम या अब्बू मुझसे कोई काम नहीं करवाते। सभी बच्चों के अम्मी-अब्बू उनसे कोई-न-कोई काम करवाते हैं। क्या मैं इतना नकारा हूँ कि आप मुझे किसी काम के क़ाबिल नहीं समझते?’
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हमसे सब कहते
नहीं सूर्य से कहता कोई
धूप यहाँ पर मत फैलाओ,
कोई नहीं चाँद से कहता
उठा चाँदनी को ले जाओ।
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कल के सपने
बच्चे धरती के प्यारे हैं,
ये कल के सपने न्यारे हैं।
जीवन की चंचल नदिया के,
बच्चे अनमोल किनारे हैं।
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मेरे जन्म दिवस पर मुझको
मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है।
सुन्दर पुस्तक मुझको दी है, पढ़ने वाला प्यार दिया है।
इस पुस्तक में इक बालक ने,
आतंकी को मार गिराया।
बेटा-बेटी सभी पढ़ेंगे,
का सुन्दर अभियान चलाया।
सभी पढ़ेंगे, सभी बढ़ेंगे, नारे को साकार किया है।
मेरे जन्म दिवस पर मुझको, पापा ने उपहार दिया है॥
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