अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
हाइकु
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डॉ भावना कुँअर के हाइकु  - भावना कुँअर | ऑस्ट्रेलिया

अकेला बीज
धरती से मिलके 
फूटा खिलके।
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हाइकु  - अभिषेक

रास्ते में बचे
झुलस गये पिता
घर में आ के
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