हिंदी भाषा अपनी अनेक धाराओं के साथ प्रशस्त क्षेत्र में प्रखर गति से प्रकाशित हो रही है। - छविनाथ पांडेय।
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बारह हाइकु  - मुकेश कुमार श्रीवास्तव

मुकेश कुमार श्रीवास्तव के हाइकु 

(1)
काले काजल
नयनन में बसे
बने कटार
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