Important Links
हास्य काव्य |
भारतीय काव्य में रसों की संख्या नौ ही मानी गई है जिनमें से हास्य रस (Hasya Ras) प्रमुख रस है जैसे जिह्वा के आस्वाद के छह रस प्रसिद्ध हैं उसी प्रकार हृदय के आस्वाद के नौ रस प्रसिद्ध हैं - श्रृंगार रस (रति भाव), हास्य रस (हास), करुण रस (शोक), रौद्र रस (क्रोध), वीर रस (उत्साह), भयानक रस (भय), वीभत्स रस (घृणा, जुगुप्सा), अद्भुत रस (आश्चर्य), शांत रस (निर्वेद)। |
Articles Under this Category |
प्रश्न - शैल चतुर्वेदी | Shail Chaturwedi |
प्रश्न था - " नाम ?" |
more... |
ढोल, गंवार... - सुरेंद्र शर्मा |
मैंने अपनी पत्नी से कहा -- |
more... |
अच्छे दिन आने वाले हैं - महेंद्र शर्मा |
नई बहू जैसे ही पहुंची ससुराल |
more... |
लेख की माँग - ईश्वरीप्रसाद शर्मा |
सम्पादकजी! नमोनमस्ते, पत्र आपका प्राप्त हुआ। |
more... |