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बाल-साहित्य |
बाल साहित्य के अन्तर्गत वह शिक्षाप्रद साहित्य आता है जिसका लेखन बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर किया गया हो। बाल साहित्य में रोचक शिक्षाप्रद बाल-कहानियाँ, बाल गीत व कविताएँ प्रमुख हैं। हिन्दी साहित्य में बाल साहित्य की परम्परा बहुत समृद्ध है। पंचतंत्र की कथाएँ बाल साहित्य का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। हिंदी बाल-साहित्य लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। पंचतंत्र, हितोपदेश, अमर-कथाएँ व अकबर बीरबल के क़िस्से बच्चों के साहित्य में सम्मिलित हैं। पंचतंत्र की कहानियों में पशु-पक्षियों को माध्यम बनाकर बच्चों को बड़ी शिक्षाप्रद प्रेरणा दी गई है। बाल साहित्य के अंतर्गत बाल कथाएँ, बाल कहानियां व बाल कविता सम्मिलित की गई हैं। |
Articles Under this Category |
नाग और चीटियां - विष्णु शर्मा |
एक घने जंगल में एक बड़ा-सा नाग रहता था। वह चिड़ियों के अंडे, मेढ़क तथा छिपकलियों जैसे छोटे-छोटे जीव-जंतुओं को खाकर अपना पेट भरता था। रातभर वह अपने भोजन की तलाश में रहता और दिन निकलने पर अपने बिल में जाकर सो रहता। धीरे-धीरे वह मोटा होता गया। वह इतना मोटा हो गया कि बिल के अंदर-बाहर आना-जाना भी दूभर हो गया। |
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होली आई रे | बाल कविता - प्रकाश मनु | Prakash Manu |
चिट्ठी में है मन का प्यार |
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व्यापारी और नक़लची बंदर - अज्ञात |
एक टोपी बेचने वाला व्यापारी था वह नगर से टोपियाँ लाकर गाँव में बेचा करता था। एक दिन वह दोपहर के समय जंगल में जा रहा था कि थककर एक पेड़ के नीचे बैठ गया। उसने टोपियों की गठरी एक तरफ रख दी। थकावट के कारण पेड़ की छाँव और ठंडी हवा के चलते शीघ्र ही टोपी वाले व्यापारी को नींद आ गई। |
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डा रामनिवास मानव की बाल-कविताएं - डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav |
डा रामनिवास मानव की बाल-कविताएं |
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होली | बाल कविता - गीत माला |
होली आई, होली आई, |
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सूरज दादा कहाँ गए तुम - आनन्द विश्वास (Anand Vishvas) |
सूरज दादा कहाँ गए तुम, |
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बगीचा - आनन्द विश्वास (Anand Vishvas) |
मेरे घर में बना बगीचा, |
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होली | बाल कविता - गुलशन मदान |
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गर धरती पर इतना प्यारा - डॉ शम्भुनाथ तिवारी |
गर धरती पर इतना प्यारा, |
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