एक ट्रेन में चार यात्री यात्रा कर रहे थे । उनमें एक बंगाली, एक तमिल, एक एंग्लो-इंडियन तथा एक हिंदी भाषी था । वे लोग अपनी- अपनी भाषा पर बात कर रहे थे ।
...
लघुकथाएं
इस श्रेणी के अंतर्गत
अच्छा कौन
महीने के आख़री दिन
महीने के आख़री दिन थे। मेरे लिए तो महीने का हर दिन एक सा होता है। कौन सी मुझे तनख़्वाह मिलती है? आई'म नोट एनिवन'स सर्वेंट! (I'm not anyone's servant!) राइटर हूँ।खुद लिखता हूँ और उसी की कमाई ख़ाता हू। अफ़सोस सिर्फ़ इतना है, कमाई होती ही नही। मैने सुना है की ऑस्ट्रेलिया के आदिवासी बूंरंगस (boomerangs) यूज़ करते हैं, शिकार के लिए, जो के फेंकने के बाद वापस आ जाता है। मेरी रचनायें उस बूंरंग को भी शर्मिंदा कर देंगी। इस रफ़्तार से वापस आती हैं।
...
देशभक्ति का पारितोषिक
चोर एक घर में घुसा। उस समय वहाँ टेलीविज़न चल रहा था। टेलीविज़न पर राष्ट्रीय गान आरंभ हो गया। चोर सावधान की मुद्रा में वहीं सावधान खड़ा हो गया। गृहस्वामी ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। न्यायाधीश महोदय ने देशभक्ति के पारितोषिक स्वरूप चोर को इज्जत सहित बरी कर दिया और गृहस्वामी को राष्ट्रीय गान का अपमान करने पर सज़ा सुना दी।
...
ऊँचाई
पिताजी के अचानक आ धमकने से पत्नी तमतमा उठी, "लगता है बूढ़े को पैसों की ज़रूरत आ पड़ी है, वर्ना यहाँ कौन आने वाला था। अपने पेट का गड्ढा भरता नहीं, घर वालों का कुआँ कहाँ से भरोगे?"
...
दिशा
'बहुत दुख की बात है,' चूहे ने कहा, 'दुनिया दिन प्रतिदिन छोटी होती जा रही है। पहले यह इतनी बड़ी थी कि मुझे बहुत डर लगता था। मैं दौड़ता ही रहा था और जब आखिर में मुझे अपने दाएँ-बाएँ दीवारें दिखाई देने लगीं थीं तो मुझे खुशी हुई थी। पर यह लंबी दीवारें इतनी तेजी से एक दूसरे की तरफ बढ़ रही हैं कि मैं पलक झपकते ही आखिर छोर पर आ पहुँचा हूँ; जहाँ कोने में वह चूहेदानी रखी है और मैं उसकी ओर बढ़ता जा रहा हूँ।'
...