बहुत दिन पहले की बात है। एक छोटा-सा नगर था, पर उसमें रहने वाले लोग बड़े दिल वाले थे। ऐसे न्यारे नगर में चार मित्र रहते थे। वे छोटी उमर के थे, पर चारों में बड़ा मेल था। उनमें एक राजकुमार, दूसरा राजा के मंत्री का पुत्र, तीसरा साहूकार का लड़का और चौथा एक किसान का बेटा था। चारों साथ-साथ खाते-पीते और खेलते-घूमते थे।
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लोक-कथाएं
इस श्रेणी के अंतर्गत
चार मित्र | लोक-कथा
ते ताही और बरसात
बहुत पुरानी बात है। दादी की दादी की दादी से भी बहुत-बहुत पहले की। सफेद बादलों के देश में एक बार खूब बारिश हुई, खूब। इतनी की सब जल-थल हो गया । एक गांव (Kainga) था जिसमें बसने वालों ने कहना शुरू कर दिया कि यह बारिश ते ताही ही लेकर आई है। ते ताही ने अपने जादू से सारी धरती को डुबो देने जितनी बारिश करवाई है।
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ब्लू माउंटेनस | ऑस्ट्रेलियन लोक-कथा
सिडनी, ऑस्ट्रेलिया में अपने प्राकृतिक सौंदर्य से सभी को अभिभूत कर देने वाली 'ब्लू माउंटेनस' (Blue Mountains) के बारे में कहा जाता है कि कभी वे जीती-जागती तीन सुंदर युवतियां हुआ करती थीं ।
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सौदागर और कप्तान | सीख भरी कहानी
एक सौदागर समुद्री यात्रा कर रहा था, एक रोज उसने जहाज के कप्तान से पूछा, ''कैसी मौत से तुम्हारे बाप मरे?"
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ऐसे थे रहीम
रहीम दान देते समय आँख उठाकर ऊपर नहीं देखते थे। याचक के रूप में आए लोगों को बिना देखे, वे दान देते थे। अकबर के दरबारी कवियों में महाकवि गंग प्रमुख थे। रहीम के तो वे विशेष प्रिय कवि थे। एक बार कवि गंग ने रहीम की प्रशंसा में एक छंद लिखा, जिसमें उनका योद्धा-रूप वर्णित था। इसपर प्रसन्न होकर रहीम ने कवि को छत्तीस लाख रुपए भेंट किए।
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