बच्चों की कहानियां

बच्चों के लिए मंनोरंजक बाल कहानियां व कथाएं (Hindi Stories and Tales for Children) पढ़िए। इन पृष्ठों में स्तरीय बाल-साहित्य का संकलन किया गया है।

इस श्रेणी के अंतर्गत

शेखचिल्ली और सात परियाँ

- भारत-दर्शन संकलन

शेखचिल्ली जवान हो चला तो एक दिन माँ ने कहा—'मियां कुछ काम-धंधा करने की सोचो!'
...


सबसे बड़ी चीज़ | बालकथा

- अकबर बीरबल के किस्से

एक दिन अकबर ने दरबार में सवाल किया, "दुनिया की सबसे बड़ी चीज़ क्या है?"
...


ईमानदार किसान | बाल कहानी

- अरविंद 

गाँव में एक किसान रहता था जो दूध से दही और मक्खन बनाकर बेचने का काम करता था।
 
एक दिन उसकी पत्नी ने उसे बेचने के लिए मक्खन तैयार करके दिया। किसान अपने गाँव से शहर की तरफ रवाना हो गया। किसान की पत्नी ने मक्खन गोल पेड़ों के आकार में बनाकर दिया था और हर पेड़े का वज़न एक किलो था। 
 
शहर मे किसान ने उस मक्खन को हमेशा की तरह एक दुकानदार को बेच दिया, और दुकानदार से चायपत्ती, चीनी, तेल और साबुन वगैरह खरीदकर वापस अपने गाँव को रवाना हो गया। 
 
किसान के जाने के बाद—
 
दुकानदार ने मक्खन को फ्रिज़र मे रखना शुरू किया.....उसे खयाल आया के क्यूँ ना एक पेड़े का वज़न किया जाए, वज़न करने पर पेड़ा सिर्फ 900 ग्राम का निकला।  हैरत और निराशा से उसने सारे पेड़े तोले तो  किसान के लाए हुए सभी मक्खन के पेड़े 900-900 ग्राम के ही निकले।
 
अगले हफ्ते फिर किसान हमेशा की तरह मक्खन लेकर जैसे ही दुकानदार की दहलीज़ पर चढ़ा, दुकानदार ने किसान से चिल्लाते हुए कहा—“दफा हो जाओ, किसी बेईमान और धोखेबाज़ शख्स से कारोबार करना.. पर मुझसे नही।’ दुकानदार फिर गरजा, ‘900 ग्राम मक्खन को पूरा एक किलो कहकर बेचने वाले शख्स की मैं शक्ल भी देखना पसंद नहीं करता। 
 
किसान ने बड़ी ‘विनम्रता’ से दुकानदार से कहा—'मेरे भाई मुझसे नाराज ना हो हम तो गरीब और अनपढ़ लोग हैं, हमारी माल तोलने के लिए बाट (वज़न) खरीदने की हैसियत कहाँ? आपसे जो एक किलो चीनी लेकर जाता हूँ, उसी को तराज़ू के एक पलड़े मे रखकर दूसरे पलड़े में उतने ही वज़न का मक्खन तोलकर ले आता हूँ।
 
सीख : 
जो हम दूसरों को देंगे,
वहीं लौट कर आयेगा...
चाहे वो मान-सम्मान हो,
या फिर धोखा...!!
 
-अरविंद 
 ई-मेल : arvind.gniit.kr@gmail.com

 
...