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दोहे |
दोहा मात्रिक अर्द्धसम छंद है। इसके पहले और तीसरे चरण में 13 तथा दूसरे और चौथे चरण में 11 मात्राएं होती हैं। इस प्रकार प्रत्येक दल में 24 मात्राएं होती हैं। दूसरे और चौथे चरण के अंत में लघु होना आवश्यक है। दोहा सर्वप्रिय छंद है। कबीर, रहीम, बिहारी, उदयभानु हंस, डा मानव के दोहों का संकलन। |
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निदा फ़ाज़ली के दोहे - निदा फ़ाज़ली |
बच्चा बोला देख कर मस्जिद आली-शान । |
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होली व फाग के दोहे - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड |
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लेखक पर दोहे - प्रो. राजेश कुमार |
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रैदास के दोहे - रैदास | Ravidas |
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फगुनिया दोहे - डॉ सुशील शर्मा |
फागुन में दुनिया रँगी, उर अभिलाषी आज। |
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