भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ तथा 26 जनवरी 1950 को इसका संविधान प्रभावी हुआ। इस संविधान के अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया।
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आलेख
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गणतंत्र की ऐतिहासिक कहानी
12वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन फिजी में
12वाँ विश्व हिंदी सम्मेलन भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा फिजी सरकार के सहयोग से 15 से 17 फरवरी, 2023 तक नांदी (फिजी) में आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन का आयोजन स्थल देनाराऊ आइलैंड कन्वेंशन सेंटर, नांदी, फिजी है। सम्मेलन स्थल पर हिंदी भाषा के विकास से संबंधित कई प्रदर्शनियाँ लगाई जाएंगी। सम्मेलन के दौरान शाम को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम और कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।
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विश्व हिन्दी दिवस | 10 जनवरी
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2006 में 10 जनवरी को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाए जाने की घोषणा की थी।
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बदलते विश्व में बदलता भारत
कहा जाता है, ‘परिवर्तन सृष्टि का नियम है।‘ परिवर्तन और अनित्यता को समझ लेना ही ज्ञान प्राप्त करना है। जीवन में जन्म से लेकर मृत्यु तक क्या हम परिवर्तन का ही मार्ग तय करते हैं? या कहें कि हम एक नियत प्रवृत्ति के साक्षी बनते हैं कि इस संसार में सब कुछ नश्वर और क्षणभंगुर है। जो पैदा हुआ, वह मरता भी है। एक बालक युवा होता है, प्रौढ़ होता है, फिर वृद्ध जीवन जीकर मृत्यु को प्राप्त होता है। यही जीवन है।
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आधी रात का चिंतन | ललित निबंध
‘सर’ के यहाँ घुसते ही लगा कि शायद घर पर कुछ भूल आई हूँ। लेकिन समझ में नहीं आया। अरे, आप सोच रहे होंगे , ये ‘सर’ कौन हैं? तो बताऊँ कि ‘सर’ हैं डॉ. केशव प्रथमवीर, भूतपूर्व विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग पुणे विद्यापीठ। कब गुरु से पितृ-तुल्य हो गये, पता ही नही चला। ...और भारत–यात्रा पर बेटी पिता से न मिले वह तो संभव ही नहीं है। सो पुणे पँहुचते ही रात सर के पास रुकने की तैयारी से चल दी। दिमाग में घूम रही थी उनकी वह दीवार जिसपर पुस्तकें ही पुस्तकें सजी हैं। मेरे सोने की व्यवस्था कर के सर बात्रा ‘सर’ के पास सोने चले गये।
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ब्रिटिश प्रधानमंत्री-ऋषि सुनक
हाल ही में इंग्लैंड के 56वे प्रधानमंत्री पद के लिए ऋषि सुनक का चुना जाना इंग्लैंड और बाक़ी दुनिया के लिए तो एक सनसनीख़ेज़ खबर है ही, मगर उससे भी कहीं बहुत-बहुत ज़्यादा ये बात भारत में चर्चा का केंद्र बनी हुई है! सुनने में आ रहा है कि इस चर्चा की वजह उनके भारतीय मूल का निवासी होना है और अब भारतीय मूल के किसी इंसान का इंग्लैंड में प्रधानमंत्री बनना कुछ भारतीयों को इंग्लैंड में अपना साम्राज्य स्थापित होने जैसा महसूस हो रहा है। किसी को इस राजनैतिक उथल-पुथल में ब्रिटिशर्स को अपने अनैतिक कर्मों का फल मिलता दिखाई दे रहा है तो किसी को इंग्लैंड की राजनीति में भारत और वहाँ रहने वाले प्रवासी भारतीयों को एक विशिष्ट अतिथि का दर्जा मिलने की संभावना दिखाई दे रही है। रब्बा ख़ैर करे ये इंसान का दिमाग़ भी क्या चीज़ है न, कि हर सूचना में सबसे पहले अपना व्यक्तिगत फ़ायदा नुक़सान ढूँढने लगता है।
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17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 2023
प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन भारत सरकार का प्रमुख कार्यक्रम है। यह विदेशों में रहने वाले भारतीयों के साथ जुड़ने और सम्पर्क स्थापित करने तथा प्रवासी भारतीयों को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। 17वां प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन मध्य प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में 08-10 जनवरी 2023 तक इंदौर में आयोजित किया जा रहा है। इस पीबीडी सम्मेलन का विषय है "प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति में विश्वसनीय भागीदार"। लगभग 70 विभिन्न देशों के 3,500 से अधिक प्रवासी सदस्यों ने पीबीडी सम्मेलन के लिए पंजीकरण कराया है।
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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का राष्ट्र के नाम संबोधन
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन
प्यारे देशवासियो,
नमस्कार!
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