कविताएं

देश-भक्ति की कविताएं पढ़ें। अंतरजाल पर हिंदी दोहे, कविता, ग़ज़ल, गीत क्षणिकाएं व अन्य हिंदी काव्य पढ़ें। इस पृष्ठ के अंतर्गत विभिन्न हिंदी कवियों का काव्य - कविता, गीत, दोहे, हिंदी ग़ज़ल, क्षणिकाएं, हाइकू व हास्य-काव्य पढ़ें। हिंदी कवियों का काव्य संकलन आपको भेंट!

इस श्रेणी के अंतर्गत

हिन्दी दिवस

- खाक बनारसी

अपने को आता है
बस इसमें ही रस
वर्ष में मना लेते
एक दिन हिंदी दिवस
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अबू बिन आदम और देवदूत | अनूदित कविता

- जेम्स हेनरी ली हंट

एक रात अबू बिन आदम, घोर स्वप्न में जाग पड़े।
देखा जब कमरे को अपने, हुए महाशय चकित बड़े॥
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हिंदी देश की शान

- डॉ रमेश पोखरियाल निशंक

एकता की सूचक हिदी भारत माँ की आन है,
कोई माने या न माने हिदी देश की शान है।
भारत माँ का प्राण है
भारत-गौरव गान है।
सैकड़ों हैं बोलियाँ पर हिदी सबकी जान है,
सुंदर सरस लुभावनी ये कोमल कुसुम समान है।
हृदय मिलाने वाली हिदी नित करती उत्थान है,
कोई माने या न माने हिदी सत्य प्रमाण है।
भारत माँ की प्राण है,
भारत-गौरव गान है।
सागर के सम भाव है इसमें रस तो अमृतपान है,
मन को सदा लुभाती हिदी बहुरत्नों की खान है।
भाषा हिदी देश की बिदी, घर ये हिदुस्तान है,
कोई माने या न माने हिदी निज सम्मान है।
भारत माँ की प्राण है,
भारत-गौरव गान है।
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हिंदी है भारत की बोली

- गोपाल सिंह नेपाली | Gopal Singh Nepali

दो वर्तमान का सत्‍य सरल,
सुंदर भविष्‍य के सपने दो
हिंदी है भारत की बोली
तो अपने आप पनपने दो
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मातृभाषा प्रेम पर भारतेंदु के दोहे

- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र | Bharatendu Harishchandra

निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।
बिनु निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल॥

अँग्रेजी पढ़ि के जदपि, सब गुन होत प्रवीन।
पै निज भाषा-ज्ञान बिन, रहत हीन के हीन॥
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भारतेन्दु की मुकरियां

- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र | Bharatendu Harishchandra

सब गुरुजन को बुरो बतावै ।
अपनी खिचड़ी अलग पकावै ।।
भीतर तत्व न झूठी तेजी ।
क्यों सखि सज्जन नहिं अँगरेजी ।।

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अमर शहीदों को नमन

- डॉ. सुमन सुरभि

अमर शहीदों ने धरती पर लहू से हिंदुस्तान लिखा है 
भारत माता के सजदे में मेरा देश महान लिखा है। 
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जूही की कली

- सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'

[निराला की प्रथम काव्य कृति]
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झरना 

- जयशंकर प्रसाद | Jaishankar Prasad

मधुर हैं स्रोत मधुर हैं लहरी
न हैं उत्पात, छटा हैं छहरी
मनोहर झरना।
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