Important Links
Author's Collection
[First] [Prev] 1 | 2Total Number Of Record :13
कबीर के कालजयी दोहे
दुख में सुमिरन सब करें, सुख में करे न कोय
जो सुख में सुमिरन करें, दुख काहे को होय
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलया कोय
जो मन खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय
बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर
पंथी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर
...
कबीर के पद
हम तौ एक एक करि जांनां।
दोइ कहैं तिनहीं कौं दोजग जिन नाहिंन पहिचांनां ।।
एकै पवन एक ही पानीं एकै जोति समांनां।
एकै खाक गढ़े सब भांडै़ एकै कोंहरा सांनां।।
जैसे बाढ़ी काष्ट ही काटै अगिनि न काटै कोई।
...
कंकड चुनचुन
कंकड चुनचुन महल उठाया
लोग कहें घर मेरा।
ना घर मेरा ना घर तेरा
चिड़िया रैन बसेरा है॥
जग में राम भजा सो जीता ।
कब सेवरी कासी को धाई
कब पढ़ि आई गीता ।
जूठे फल सेवरी के खाये
...
Total Number Of Record :13