यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद।
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चौराहे पर चर्चा चल रही थी। पूर्णिमा-हत्याकांड के सभी आरोपी बरी हो गये लेकिन प्रश्न था कि जब पूर्व-आरोपियों ने उसे नहीं मारा, तो फिर मारा किसने?
इस गंभीर प्रश्न का सरल-सा उत्तर था एक सामान्य से आदमी के पास ‘कानून ने।’
-डॉ रामनिवास मानव
Bharat-Darshan, Hindi literary magazine from New Zealand
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