'फेसबुक' में 'बुक' तो ठीक है, पर... 'फेस'- 'फेक' है, क्योंकि-- होता कुछ है, बताते कुछ हैं करते कुछ हैं, दिखाते कुछ हैं।
यहाँ, हर कोई खुशहाल दीखता है।
वास्तव में, ऐसा होता नहीं है-- जिसकी अम्मा और बीवी हररोज लड़ती हैं, इसपर उनकी फोटो भी, लगी है-- हँसती-मुसकुराती जैसे, सच को चिढ़ाती।
- रोहित कुमार 'हैप्पी' न्यूज़ीलैंड। |