घर-सा पाओ चैन कहीं तो हमको भी बतलाना तुम हमसा कोई और दिखे तो जरा हमें दिखलाना तुम
मिलने को तो मिल जाएंगे दिखने को तो दीख जाएंगे ढूंढ सको तो ढूंढ निकालो, हमसा कोई दीवाना तुम
उसकी चाल समझ ना आए बोल रहा है मेरे बोल उसमें मुझमें फर्क बहुतेरा, दोनों को अजमाना तुम
सात समंदर पार की दूरी भी होती है क्या कोई दूरी पल भर में हम आ जाएँगे, दिल से हमें बुलाना तुम
आँखों में इक सपना भी है और दोनों का अपना भी है 'रोहित' पल में मन जाएंगे, प्यार से उन्हें मनाना तुम
- रोहित कुमार 'हैप्पी' |