यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिंदी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय।
 
अम्बिका प्रसाद दिव्य पुरस्कारों हेतु पुस्तकें आमंत्रित (विविध)     
Author:भारत-दर्शन समाचार

भारत (10 सितंबर, 2018 ) भोपाल, साहित्य सदन भोपाल द्वारा विगत बीस वर्षो से दिए जाने वाले इक्कीसवें अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कारों हेतु रचनाकारों से पुस्तकें आमंत्रित की जाती हैं।

दिव्य पुरस्कारों हेतु लेखको एवं कवियों से कहानी, उपन्यास, कविता, गजल, नवगीत साहित्य व्यंग्य, समालोचना एवं बाल साहित्य विषयो पर मौलिक कृतियां आमंत्रित की जाती हैं।

प्रत्येक विधा में इक्कीस सौ रुपये राशि के अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

गुणवत्ता के क्रम में द्वितीय स्थान पर आने वाली पुस्तकों को दिव्य प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जाएंगे। प्रत्येक प्रविष्टि के साथ रुपए 200/- ( दो सौ ) प्रवेश शुल्क भेजना होगा।

हिन्दी में प्रकाशित पुस्तकों की मुद्रण अवधि 1 जनवरी 2016 से 31 दिसम्बर 2018 के मध्य होना चाहिए। अन्य जानकारी हेतु मोबाइल नंबर 09977782777 या ई-मेल jagdishkinjalk@gmail.com पर सम्पर्क किया जा सकता है।

पता है - श्रीमती राजो किंजल्क, साहित्य सदन, 145 -ए, सांईनाथ नगर, सी सेक्टर, कोलार रोड, भोपाल - 462042 ( म.प्र )।
पुस्तकें भेजने की अंतिम तिथि 30 दिसम्बर 2018 है।

उद्घाटन 

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