देशभाषा की उन्नति से ही देशोन्नति होती है। - सुधाकर द्विवेदी।
 
कविता क्या है  (काव्य)       
Author:केदारनाथ सिंह

कविता क्या है
हाथ की तरफ
उठा हुआ हाथ
देह की तरफ झुकी हुई आत्मा
मृत्यु की तरफ़
घूरती हुई आँखें
क्या है कविता
कोई हमला
हमले के बाद पैरों को खोजते
लहूलुहान जूते
नायक की चुप्पी
विदूषक की चीख़
बालों के गिरने पर
नाई की चिन्ता
एक पत्ता टूटने पर
राष्ट्र का शोक
आख़िर क्या है
क्या है कविता ?
मैंने जब भी सोचा
मुझे रामचन्द्र शुक्ल की मूछें याद आयीं
मूंछों में दबी बारीक-सी हँसी
हँसी के पीछे कविता का राज़
कविता के राज पर
हँसती हुई मूँछें !

--केदारनाथ सिंह

 

Back
 
 
Post Comment
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश