डॉ धीरेन्द्र वर्मा (17 मई, 1897- 23 अप्रैल, 1973)
"खोज से सम्बन्ध रखनेवाला विद्यार्थी ज्ञानमार्ग का पथिक होता है। भक्तिमार्ग तथा कर्ममार्ग से उसे दूर रहना चाहिए। संभव है आगे चल कर सत्य के अन्वेषण की तीन धाराएँ आपस में मिल जाती हों-कदाचित् मिल जाती हैं-किन्तु इसकी इस ज्ञानमार्ग-पथिक को चिन्ता नहीं होनी चाहिए। वह क्षेत्र तो असाधारण विचारक आचार्यों का है। मनुष्य की ज्ञान सम्बन्धी समस्त खोजों का चरम लक्ष्य सबसे बड़े अज्ञात सत्य का अन्वेषण करना है। ज्ञान सम्बन्धी छोटी-से-छोटी खोज इसी चरम लक्ष्य की ओर संकेत करती है और उसके निकट पहुँचाने में सहायक होती है।" -डॉ० धीरेन्द्र वर्मा |