प्रत्येक नगर प्रत्येक मोहल्ले में और प्रत्येक गाँव में एक पुस्तकालय होने की आवश्यकता है। - (राजा) कीर्त्यानंद सिंह।
 
गिरमिट दिवस | 14 मई
   
 

भारत से फीज़ी आने वाला पहला जहाज था लियोनिडास जो 498 मज़दूर सवारियों को लेकर 3 मार्च 1879 को कलकत्ता से रवाना हुआ और 72 दिन की समुद्री यात्रा के पश्चात 14 मई 1879 को यह जहाज फीज़ी के बंदरगाह पर पहुँचा। इन 498 सवारियों में 273 पुरूष, 146 महिलाएं व 79 बच्चे सम्मिलित थे।  72 दिनों की इस समुद्री यात्रा के दौरान 17 यात्रियों की बीमार पड़ने से मृत्यु हो गई।

1879 से 1916 के बीच 87 बार भारत से समुद्री जहाज बंधुआ मज़दूरों को फीज़ी लेकर आए जिसमें 42 विभिन्न जहाजों का उपयोग हुआ था। कुल 60,995 लोगों ने फीज़ी के लिए प्रस्थान किया किंतु कुल 60,553 ही फीज़ी पहुँच पाए, इनमें यात्रा के दौरान पैदा हुए कुछ नवजात शिशु भी सम्मिलित थे। शेष काल की गर्क में चले गए।

फिर शुरू हुआ इन भोले-भाले लोगों का गिरमिटिया जीवन। गिरमिट अँग्रेज़ी शब्द 'एग्रीमेंट' का अपभ्रंश है। शुरुआत में आये ये लोग पढ़े-लिखे न थे यथा 'एग्रीमेंट' की जगह 'गिरमिट' शब्द प्रचलित हो गया।

जनवरी 1920 को 'अनुबंधित श्रमिक प्रथा' का अंत हो गया।

[इतिहास के पन्नों से]

 
 
 
 

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