यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिंदी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय।
सहपाठी पिता-पुत्र - रोहित कुमार 'हैप्पी'  
   Author:  रोहित कुमार 'हैप्पी'

अटल बिहारी वाजपेयी और उनके पिता दोनों ने एक साथ डी॰ ए॰ वी॰ कॉलेज, कानपुर से कानून (एलएलबी) की पढ़ाई की थी। अटल जी जब कानून पढ़ने के लिए कानपुर जाना चाहते थे तो उनके पिता जी ने भी कानून पढ़ने की इच्छा जतायी। पिताजी ने कहा, "मैं भी तुम्हारे साथ कानून की पढ़ाई करूंगा।" अटल जी के पिता, कृष्ण बिहारी वाजपेयी उस समय राजकीय सेवा से निवृत हो चुके थे। फिर क्या था, पिता-पुत्र दोनों कानपुर जा पहुंचे।

कॉलेज के प्राचार्य कालकाप्रसाद भटनागर आश्चर्यचकित हो गए लेकिन दोनों को प्रवेश की अनुमति दे दी गयी। दोनों एक ही कक्षा में सहपाठी हो गए। जिस दिन अटल जी अनुपस्थित होते, प्राध्यापक कृष्ण बिहारी वाजपेयी से पूछते, "आपके पुत्र कहाँ हैं, पंडित जी?"

जिस दिन कृष्ण बिहारी वाजपेयी न आते तो प्राध्यापक अटल बिहारी वाजपेयी से पूछते, "कहिए, आपके पिता जी कहाँ हैं?" कक्षा में ठहाके लगते। खूब हँसी-ठिठोली होती।

अन्य कक्षाओं के विद्यार्थी इस पिता-पुत्र की सहपाठी जोड़ी को देखने आए रहते। बाद में कुछ कारणों से अटल जी ने अपना सैक्शन बदलवा लिया लेकिन छात्रावास में रहते एक ही कमरे में थे।

प्रस्तुति : रोहित कुमार 'हैप्पी'

 

 
 

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