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Total Number Of Record :1शुभ दीपावली
जितेन्द्र राणा को जब टेलीफोन पर बताया गया कि उसका बेटा गुवाहाटी में बीमार है ओर उसके जीने की कोई आशा नहीं तो उसकी समझ में नहीं आया कि वह कहाँ से इतना पैसा जुटाए कि वह और उसकी पली वहाँ जा सके। जितेन्द्र राणा ने जीवन-भर ट्रक ड्राइवर के रूप में काम किया था, लेकिन वह कभी कोई बचत नहीं कर पाया था। अपने अहंकार को वश में करते हुए उसने अपने कुछ निकटतम सम्बंधियों को सहायता के लिए कहा, लेकिन उनकी भी हालत उससे कुछ अच्छी नहीं थी। सो लज्जित और निराश होकर जितेन्द्र राणा अपने घर से एक किलोमीटर दूर एक टेलीफोन बूथ पर गया और उसने मालिक से कहा, ''मेरा बेटा काफी बीमार है और मेरे पास नकद देने के लिए पैसा नहीं है। क्या आप मुझ पर भरोसा करके मुझे गुवाहाटी फोन करने देंगे? मैं इसके पैसे बाद में दे दूंगा।''
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