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सहेजे हैं शब्द
शौकिया जैसे सहेजते हैं लोग
रंगीन, सुंदर, मृत तितलियाँ
सहेजे हैं वैसे ही मैंने
भाव भीगे, प्रेम पगे शब्द।
शब्द, जो कभी
चंपा के फूल की तरह
तुम्हारे होंठों से झरे थे।
शब्द, जो कभी
गुलाब की महक से
तुम्हारे पत्रों में बसे थे।
...
मुझे देखा ही नहीं
देखतीं है आँखें बहुत कुछ
ज़मीं, आसमान, सड़कें, पुल, मकान
पेड़, पौधे, इंसान
हाथ, पैर, मुहं, आँख, कान
आँसू, मुस्कान
मगर खुली आँखों भी
अनदेखा रह जाता है बहुत कुछ
पैरों तले की घंसती ज़मीन
सर पर टूटता आसमान
...
तुम्हारे रक्त में बहूं मैं
देखतीं है आँखें बहुत कुछ
ज़मीं, आसमान, सड़कें, पुल, मकान
पेड़, पौधे, इंसान
हाथ, पैर, मुहं, आँख, कान
आँसू, मुस्कान
मगर खुली आँखों भी
अनदेखा रह जाता है बहुत कुछ
पैरों तले की घंसती ज़मीन
सर पर टूटता आसमान
...
कौन है वो?
कोई है
जिसके पैरों कि आहट से
चौंक उठते हैं कान
कोई है
जिसकी याद
भुला देती है सारे काम
कोई है
जिसकी चाह
कभी बनती है कमजोरी
कभी बनती है शक्ति
कोई है
जो कंदील सा टिमटिमाता है
मन के सूने गलियारों में
कोई है
...
कोई नहीं होगा साक्षी
पत्थर के नहीं हैं
ये मेरे- तुम्हारे रिश्ते
कि चोट सह लें
किरच-किरच हो जायेंगे
देखो, कांच के रिश्ते हैं ये
खुद को सम्हालो
कहीं टूट जाये
और कोई टुकड़ा
पाँव तले आ गया
तो फर्श लाल हो जायेगा
और तुम्हारी
इस तकलीफ का साक्षी
...
हममें फ़र्क़ है
तुम्हारा नजरिया भले ही समान हो
मेरे और अख़बार के प्रति,
मगर हममें फ़र्क़ है
सामयिक सूचनाओं से भरा
पहला पेज नहीं हूँ मै
जो समय के साथ रद्दी हो जायेगा
मै तो वो विशिष्ट परिशिष्ट हूँ
जो समय के साथ
संग्रहणीय होता जायेगा
...
अपनों की बातें
बातें उन बातों की हैं
जिनमें अनगिन घातें थीं,
बातें सब अपनों की थीं।
अपनों की थीं सो चुभती थीं,
चुभती थीं सो दुखती थीं,
दुखती थीं पर सहनी थीं,
सहना ही तो मुश्किल था।
मुश्किल से पार उतरना था
जीवन था और जीना था।
जीना था सो ठान लिया
...
तुझे पाती हूं तो जी जाती हूं
बादल ही क्यों ना फट जाएँ
तेरे पीछे मे रोती भी नहीं
मेरे आंसुओं को भी
तेरी ही
उँगलियों से पुंछने की आदत है।
तुझे पाकर ही छलकता है भरा मन
तुझे पाकर ही टूटता है बाँध
तुझे पाकर ही लौटती है होंठों पर गुनगुनाहट
...
दादी कहती दाँत में | बाल कविता
दादी कहती दाँत में मंजन नित कर नित कर नित कर
साफ़-सफाई दाँत जीभ की नितकर नित कर नित कर।
सुन्दर दांत सभी को भाते
आकर्षित कर जाते,
खूब मिठाई खाओ अगर तो
कीड़े इनमें लग जाते,
दोनों समय नियम से मंजन नित कर नित कर नित कर
...
कसौटी
वो मेरे लिए ला सकता है
फलक के चाँद-तारे
नहीं ला सकता तो
क्राइसिस के दिनों में
गैस का सिलेंडर।
वो ला सकता है मेरे लिए
हथेली पर उगा कर सरसों
नहीं ला सकता तो
एक अदद नियुक्ति पत्र।
वो कर सकता है मेरे लिए
...
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