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Total Number Of Record :2अब कल आएगा यमराज
अपने गले में लटके मंगलसूत्र के तमगे को वह अपने अँगूठे और दो अँगुलियों के बीच उलटती-पलटती रही। उसकी सूखी आँखें चारदीवारी की कसमसाती खामोशी को घूरती रहीं। उससे चंद कदमों की दूर पर ही करन अपनी पत्नी के हाथ के तमगे की तरह अपने बदन के पुराने सोफे पर उलटता-पटलता जा रहा था वह पहला अवसर नहीं था कि करन उस तरह की छटपटाहट में था और अपने आपको असहाय पा रही थी। ऐसे अनेक क्षण बीत गए। वह शून्य के दायरे में खामोशी को झेलती रही।
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इतिहास का वर्तमान
एक बार जब बोनोम नोनोन अपने मित्र बिसेसर के साथ अपनी कुटिया के सामने ढपली बजाता हुआ जोर-जोर से गाने और नाचने लगा था तो मेस्ये गिस्ताव रोवियार उस तक पहुँच आया था। उस शाम पहले ही से बोतल खाली किए बैठे नोनोन ने जगेसर से चिलम लेकर गाँजे के दो लंबे कश भी ले लिए थे। उस ऊँचे स्वर के गाने के कारण मेस्ये रोवियार ने नोनोन को डाँटते हुए कहा था। कि वह जंगलियों की तरह शोर मत करे। रोवियार की नजर बिसेसर पर नहीं पड़ी थी, क्योंकि अपने पुराने मालिक के बेटे को दूर ही से ढलान पार करते बिसेसर ने देख लिया था। बिसेसर का घर नदी के उस पार था, जो इस इलाके में नहीं आता था। इस इलाके में बिसेसर का आना मना था; पर अपने मित्र नोनोन से मिलने वह कभी-कभार आ ही जाता था। शक्कर कोठी के छोटे मालिक गिस्ताव का आलीशन मकान, जिसे बस्ती के लोग 'शातो' कहते थे, वास्तव में एक महल ही तो था। नोनोन की झोंपड़ी से ऊपर जहाँ पहाड़ी दूर तक समतल थी और जहाँ यह महल स्थित था, वह स्थान तीन ओर से हरे-भरे मनमोहक पेड़ों से घिरा हुआ था।
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