महाराज कृष्णदेव राय के सबसे प्रिय थे तेनालीराम, वे उनकी बुद्धिमता से प्रभावित थे। इसी कारण दरबार के कुछ लोग तेनालीराम से ईर्ष्या भी करते थे। महाराज कृष्णदेव राय यह विश्वास करते थे कि संसार-ब्रह्मांड की सबसे उत्तम और मनमोहक जगह स्वर्ग है। एक बार अचानक महाराज को स्वर्ग देखने की इच्छा हुई, उन्होंने दरबार में उपस्थित मंत्रियों से पूछा, “बताइए स्वर्ग कहां है?”
...
बाल-साहित्य
इस श्रेणी के अंतर्गत
स्वर्ग की खोज | तेनालीराम
दक्षिणी अफ्रीका में शेर का शिकार
एक मशहूर शिकारी ने एक शेर के शिकार का हाल लिखा है। आज हम उसकी कथा उसी की ज़बान से सुनाते हैं--कई साल हुए एक दिन मैं नौरोबी की एक चौड़ी गली से जा रहा था कि एक शेरनी पर नज़र पड़ी जो अपने दो बच्चों समेत झाड़ियों की तरफ़ चली जा रही थी। शायद शिकार की तलाश में बस्ती में घुस आई थी। उसे देखते ही मैं लपककर अपने घर आया और एक रायफल लेकर फिर उसी तरफ़ चला। संयोग से चाँदनी रात थी। मैंने आसानी से शेरनी को मार डाला और उसके दोनों बच्चों को पकड़ लिया। इन बच्चों की उम्र ज्यादा न थी, सिर्फ तीन हफ्ते के मालूम होते थे। एक नर था; दूसरा मादा। मैंने नर का नाम जैक और मादा का जिल रखा। जैक तो जल्द बीमार होकर मर गया, जिल बच रही । जिल अपना नाम समझती और मेरी आवाज़ पहचानती थी। मैं जहाँ जाता, वहाँ कुत्ते की तरह मेरे पीछे-पीछे चलती। मेरे कमरे में फ़र्श पर लेटी रहती थी। अक्सर मेरे पैरों पर सो जाती और जागने के बाद अपने पंजे मेरे घुटनों पर रखकर बिल्ली की तरह मेरा सिर अपने चेहरे पर मलती।
...
दोहे
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।।
रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।
सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।।
एकै साधे सब सधै, सब साधे सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै फलै अघाय।।
चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध-नरेस।
जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस।।
...
गवैया गधा
एक धोबी के पास एक गधा था। गधा हर रोज मैले कपड़ों की गठरी पीठ पर लादकर घाट पर जाता और संध्या समय धुले कपड़ों का गट्ठर लेकर घर लौट आता। यही उसकी दिनचर्या थी। रात में धोबी उसे खुला छोड़ देता।
...
मोर
उमड़ उमड़ कर बादल आते
देख-देख खुश होता मोर ।
रंग-गीले पंख खोलकर
नाच दिखाता, करता शोर ।
अपने पाँव देख लेता जब
तो बेचारा होता बोर ।
...
कितनी देर लगेगी ?
ईसप यूनानियों के विख्यात लेखक थे। उनकी छोटी-छोटी कहानियाँ संसार भर की सभ्यासभ्य भाषाओं में अनुवादित हैं।
...
साहसी कुंग
एक समय की बात है कि चीन में एक ‘कुंग' नामक बाल भिक्षु था। एक बार वह अपने अन्य भिक्षु साथियों के साथ बौद्ध विहार के खेतों में धान काट रहा था। इसी बीच कुछ चोर-लुटेरे खेत में आ पहुँचे और बलपूर्वक धान की फसल को उठाने लगे। उन्हें देखकर सब भिक्षु डरकर भाग निकले पर कुंग खेत में ही डटा रहा।
...
दो बाल कविताएं
चाँद
मम्मी देखो न
ये चाँद टुकुर-टुकुर तकता है
मुँह से तो कुछ न बोले
पर मन ही मन ये हँसता है
चैन से मुझको सोने नहीं देता
खुद सारी रात चलता है
मम्मी देखो न
ये चाँद टुकुर टुकुर तकता है
...