म्हारा हरियाणा - Mhara Haryana | Haryanvi literature | Haryanvi Raagni | Haryanvi poetry | Haryanvi stories

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म्हारा हरियाणा

म्हारा हरियाणा

हरियाणा के इस अंतरजाल पर आप हरियाणवी रचनाकारों का जीवन-परिचय व उनकी रचनाएं पढ़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त यहाँ हरियाणवी रागणियोंकविताओं, कथा-कहानियों व हरियाणवी गीतों का संकलन  का संकलन किया गया है। हरियाणा का लोक-साहित्य काफी समृद्ध है और यहाँ लोक-कथाओं व लोक-गीतों का भी प्रकाशन किया गया है।

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देशोऽस्ति हरयणाख्य:
पृथिव्यां स्वर्गसन्निभ:

अर्थात हरियाणा नाम का एक देश (प्रदेश) है जो इस धरती पर स्वर्ग के समान है।


(दिल्ली के निकट सारवान से मिले विक्रमी संवत् १३८५ के शिलालेख से उद्धत)

हरियाणा का वैदिक काल से ही एक गौरव पूर्ण इतिहास रहा है। यह राज्य भरतवंश के शासकों का स्थान रहा है, जिनके नाम पर देश का भारत नाम दिया गया। महाभारत में इस राज्य का उल्लेख है। कुरुक्षेत्र, जहाँ कौरवों व पांडवों के बीच महाभारत का युद्ध हुआ, इसी राज्य में स्थित है। इतिहास में इस राज्य की प्रमुख भूमिका मुग़लों के भारत में आने तक और दिल्ली के राजधानी बनने तक रही है।


अँग्रेज़ों ने 1857 ई. के स्वतंत्रता युद्ध को दबा कर अपनी सत्ता पुनः स्थापित कर ली और झज्जर व बहादुरगढ़ के नवाबों, बल्लभगढ़ व रेवाड़ी के राजा राव तुलाराम के राज्य छीन लिए। फिर ये राज्य या तो ब्रिटिश साम्राज्य में मिला दिये गये या नाभा, जींद व पटियाला के शासकों को सौंप दिये गये, इस प्रकार हरियाणा पंजाब राज्य का एक प्रान्त बन गया।

1 नवम्बर, 1966 को आधुनिक हरियाणा राज्य अस्तित्व में आया।


इतिहास और भूगोल


क्षेत्रफल 44,212 वर्ग किलोमीटर
जनसंख्या 2,11,44,564
राजधानी चंडीगढ़
मुख्य भाषा हरियाणवी, हिंदी


हरियाणा के पूर्व में उत्तर प्रदेश, पश्चिम में पंजाब, उत्तर में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में राजस्थान है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली हरियाणा से जुड़ा है।

 

वीडियो देखें:

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हरियाणवी गाणा - संसार जिम व साथी

 

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